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आज महाराणा प्रताप की जयंती पर चलिये कुम्भलगढ़

महाराणा प्रताप (९ मई, १५४०- १९ जनवरी, १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे. हिंदू कलेंडर के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ शुक...

द्वादश ज्योतिर्लिंग [भाग-2]-सोमनाथ & केदारनाथ

महाशिवरात्रि पर्व की ढेरों शुभकामनाएँ..


जैसा की पिछली पोस्ट में बताया गया था कि भारत देश में बारह ज्योतिर्लिंग हैं.
इनके नाम इस प्रकार हैं-
(1) सोमनाथ, (2) मल्लिकार्जुन, (3) महाकालेश्वर, (4) ओंकारेश्वर (5) वैद्यनाथ, (6) भीमशंकर, (7) रामेश्वर,
(8) नागेश्वर, (9) विश्वनाथजी, (10) त्र्यम्बकेश्वर, (11) केदारनाथ, (12) घृष्णेश्वर[घुश्मेश्वर].
***इनमें से 3 महाराष्ट्र राज्य में[त्रयम्बकेश्वर,भीमशंकर,घुश्मेश्वर,] ही हैं,
गुजरात में 2[सोमनाथ,नागेश्वर] , तमिलनाडु के 1-रामेश्वरम में मौजूद [रामलिंगेश्वर],उत्तर में एक[केदारनाथ ],उत्तर प्रदेश में एक[विश्वनाथ],आंध्रा प्रदेश में एक[श्रीशैलम-मल्लिकार्जुन महादेव] ,झारखंड के देवघर नामक स्थान में 1[वैद्यनाथ]और मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग[महाकालेश्वर &ओंकारेश्वर] हैं.

आईए सब से पहले 'सोमनाथ 'के दर्शन के लिए चलते हैं-

1-सोमनाथ -:
धरती का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र में काठियावाड़ नाम की जगह पर स्थित है. इस मंदिर में जो सोमनाथ देव हैं उनकी पूजा पंचामृत से की जाती है.
पौराणिक कथा के अनुसार दक्ष की 27 पुत्रियों का विवाह चंद्रमा से हुआ था,मगर चंद्रमा उनमें से केवल रोहिणी पर ही आसक्त था. इससे नाराज होकर दक्ष ने उसे श्राप दे दिया कि जिस आभामंडल पर उसे इतना घमंड है, वह उसके पास रहेगा ही नहीं। चंद्रमा ने इस श्राप से मुक्त होने के लिए रोहिणी के साथ इसी स्थान पर शिव को प्रसन्न करने के लिए स्पर्श लिंग की पूजा की थी.
शिव पुराण में कथा है कि जब शिव सोमनाथ के रूप में यहां निवास करने लगे तो देवताओं ने यहां एक कुंड की स्थापना की। उस कुंड का नाम रखा गया सोमनाथ कुंड.
कहते हैं कि कुंड में भगवान शिव और ब्रह्मा का साक्षात निवास है! इसलिए जो भी उस कुंड में स्नान करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं.
असाध्य से असाध्य रोग भी कुंड में स्नान करने के बाद खत्म हो जाता है।
शिव पुराण में ये भी लिखा है कि अगर किसी वजह से आप सोमनाथ के दर्शन नहीं कर पाते हैं तो सोमनाथ की उत्पति की कथा सुनकर भी आप वही पौराणिक लाभ उठा सकते हैं।
सोमनाथ तीर्थ बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे महत्वपूर्ण है.
[सोमनाथ मंदिर के बारे में विस्तार से आप मेरी पहले लिखी पोस्ट में यहाँ भी पढ़ सकते हैं-]
somnath temple1 somnathemple
somnathjyotirling somnathshivling
[Thanks Mr.Raghawan for these beautiful pictures]

2-केदारनाथ ज्योतिर्लिंग-
देश के सबसे उत्तरी हिस्से और हिमालय की दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं पर स्थित इस शिवलिंग के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत की लड़ाई में अपने ही परिजनों का वध करने से दुखी पांडव पश्चाताप करते हुए शिव के दर्शन के लिए यहां आए थे. शिव यहां नंदी रूप में मौजूद थे, मगर पांडवों के पहुंचने के पहले ही वे धरती में समा गए और यहां रह गया केवल नंदी का कूबड़। भक्तगण आज भी शिव के इसी रूप की यहां उपासना करते हैं। इसके साथ ही तुंगनाथ में शिव की भुजाओं, रूद्रनाथ में मुख, मढ़ माहेश्वर में नाभि और कल्पेश्वर में जटाओं की पूजा की जाती है। इन पांचों तीर्थ स्थानों को एक साथ पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है।
kedarnath
kedarnathtemplevipul
kedarnath
इस लेख का अगला भाग[3] अगले अंक में प्रस्तुत किया जाएगा

4 comments:

Udan Tashtari said...

उम्दा पोस्ट.

महाशिवारात्रि की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

Taarkeshwar Giri said...

Om Namh Shivay

निर्मला कपिला said...

बहुत अच्छी जानकारी है। महाशिवारात्रि की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

डॉ. मनोज मिश्र said...

बेहतरीन जानकारी,इसको जानना और बार-बार पढना सुखद लगता है.